झारखंड के गुमला में ‘एनआईए स्पेशल कोर्ट रांची’ के आदेश पर जिला प्रशासन ने हार्डकोर माओवादी एरिया कमांडर अजीम अंसारी की 57 डिसमिल जमीन को अपने अधिकार में ले लिया है। प्रशासन ने यह कार्रवाई गुमला सदर थाना क्षेत्र के लूटो पनसो में डुगडुगी बजाकर व लाउडस्पीकर से जानकारी देने के बाद की।
दरअसल हार्डकोर माओवादी एरिया कमांडर अंसारी पर राज्य सरकार द्वारा 2 लाख का इनाम घोषित है, उक्त माओवादी पनसो गांव का रहने वाला है। अभी कुछ माह पूर्व प्रशासन ने उस पर इनाम की राशि बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का प्रस्ताव भेजा था।
बता दें कि कुख्यात माओवादी अजीम के विरुद्ध गुमला जिले के अलावा लोहरदगा, लातेहार में कई मामले दर्ज हैं। पिछले एक दशक से वह पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ था। साथ ही उसके विरूद्ध लातेहार जिले के चंदवा थाना कांड संख्या 158/19 की सुनवाई एनआईए कोर्ट रांची की विशेष अदालत में चल रही है।
इसी मामले पर जिला प्रशासन ने उसके चल- अचल संपत्ति का पता लगाया, जिसके कारण गुमला अंचल कार्यालय ने मामले की छानबीन की, जिसमें लूटो पनसो में अंसारी के नाम 57 डिसमिल जमीन जब्त कर प्रशासन ने खरीद बिक्री पर रोक लगा दिया है। जब्त जमीन पर माओवादी कमांडर के परिजन कृषि कार्य भी नहीं कर सकते हैं।
अंसारी पिछले 10 सालों से गुमला, लोहरदगा, लातेहार सहित अन्य जिलों की पुलिस के लिए सर दर्द बना हुआ है। उसके द्वारा कई माओवादी घटनाओं को अंजाम दिया गया है, फिर भी वह लगातार पुलिस से बचता आया है।
साथ ही राज्य के गुमला जिले के बिशुनपुर थाना की पुलिस को भी हाल ही में बड़ी सफलता मिली है। भाकपा माअवादियों द्वारा हपाद जंगल में छिपा कर रखे गये हथियार और गोली पुलिस द्वारा बरामद किये गए हैं। हथियार और गोली पुलिस से लूटी हुई थी।
इसी के साथ थ्री नोट थ्री की तीन रायफल एवं एक 303 बोर का देसी राइफल के साथ 76 पीस गोली समेत जूता भी बरामद किया है। लेकिन रात एवं जंगल का फायदा उठाकर माओवादी रवींद्र गंझू दस्ता का सक्रिय सदस्य इंद्रदेव खेरवार भाग निकला।
इसी मामले में कुछ दिन पहले ही एसडीपीओ मनीष चंद्र लाल ने थाना परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि गुमला एसपी को गुप्त सूचना मिली कि भाकपा माओवादी रवींद्र गंझू दस्ता का सक्रिय सदस्य इंद्रदेव खेरवार अपने मृतक ससुर के ब्राह्मण भोज में शामिल होने के लिए हपाद स्थित अपने ससुराल आया हुआ है, जानकारी मिलते ही पुलिस सक्रिय हो गयी। तत्काल एसपी ने संयुक्त छापेमारी दल का गठन किया।
इसके बाद सीआरपीएफ-158 बटालियन-सी कंपनी के एसी सुधीर कुमार, इंस्पेक्टर रामकुमार तिवतिया, थाना प्रभारी सदानंद सिंह, सैट-8 के सशस्त्र बल छापेमारी के लिए गांव पहुंचे, जहां रात एवं जंगल का फायदा उठाकर इंद्रदेव खेरवार तो भाग निकला, किन्तु हपाद के बीहड़ जंगल में पुलिस द्वारा माओवादियों के विरुद्ध चलाये जा रहे अभियान के अंतर्गत, मेटल डिटेकटर एवं खोजी कुत्ता के सहयोग से माओवादियों द्वारा छिपा कर रखे गये सरकारी रायफल सहित अन्य सामग्री बरामद कर ली गयी।
इसी प्रेस वार्ता में एसडीपीओ मनीष चंद्र लाल ने आगे कहा कि “क्षेत्र में माओवादी रवींद्र गंझू का दस्ता सक्रिय है, लेकिन पुलिस बल और CRPF द्वारा लगातार क्षेत्रों में एंटी माओवादी अभियान चलायी जा रहा है। पुलिस की दबिश के कारण लगभग माओवादी बैकफुट में जा रहे हैं, अभियान में लगातार क्षेत्रों में पुलिस को सफलता भी मिल रही है।”
ज्ञात हो कि हाल ही में आन्ध्र प्रदेश से भी 34 माओवादी पकडे गए थे। प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) का एक शीर्ष सदस्य, किल्लू इंदु उर्फ भारती उर्फ जेमेली भारती और 34 सशस्त्र मिलिशिया सदस्यों ने बुधवार को आंध्र प्रदेश के पडेरू में, अल्लूरी सीताराम राजू जिले के पुलिस अधीक्षक एस. सतीश कुमार के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
इस अवसर पर सीआरपीएफ की 198वीं बटालियन के कमांडेंट नोवल किशोर चौधरी और सीआरपीएफ की 234वीं बटालियन के कमांडेंट राजेश तिवारी मौजूद थे। बता दें कि माओवादियों ने उस समय आत्मसमर्पण किया जब उनकी पार्टी 2 दिसंबर से 8 दिसंबर तक पीएलजीए सप्ताह मना रही थी।
इस मामले पर मीडिया से वार्ता करते हुए पुलिस अधीक्षक ने कहा कि "सभी सशस्त्र मिलिशिया सदस्य आंध्र-ओडिशा सीमा (एओबी) क्षेत्र के आंतरिक हिस्सों से थे। कुछ कट-ऑफ क्षेत्र से थे, इस आत्मसमर्पण से ऐसा लगता है कि माओवादियों ने एओबी क्षेत्र में अपना प्रमुख समर्थन आधार खो दिया है।"
पुलिस अधीक्षक ने प्रेस वार्ता में यह भी बताया कि "पेडाबयालु मंडल के जादीगुडा गांव के मूल निवासी किल्लु इंदु 2014 में जन नाट्य मंडली में माओवादी आंदोलन में शामिल हुई थी। वह चिक्कुडु चिन्नाराव उर्फ सुधीर की अध्यक्षता वाली टीम में एक सक्रिय सदस्य थी। वह चार हत्या के मामलों में सक्रिय रूप से शामिल थी, जिसमें दिसंबर 2017 में जी, मदुगुला मंडल के मद्दीगारुवु में कोलाकानी सूर्या और मुक्कल्ला किशोर की दोहरी हत्या शामिल थी। उस पर 1 लाख का इनाम घोषित था।"