मध्य प्रदेश पुलिस ने बुधवार को छत्तीसगढ़ से सटे कान्हा क्षेत्र में दो माओवादी शीर्ष नेताओं को मार गिराया। यह मुठभेड़ मंगलवार तड़के सुबह हुई है, घटना स्थल से एके 47 और अन्य हथियार बरामद किए गए हैं जिसके साथ ही वहां सर्च ऑपरेशन भी जारी है। अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों /माओवादियों की संख्या अधिक हो सकती है।
पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि उनके पास क्षेत्र में माओवादियों के आंदोलन के बारे में विशिष्ट इनपुट थे जिसको लेकर चलाए गए अभियान के दौरान जब उन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए कहा गया, तो नक्सलियों ने पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी, जिससे पुलिस को बचाव में, माओवादियों पर गोली चलाने के लिए मजबूर होना पड़ा।
बता दें कि जून के बाद से यह दूसरा बड़ा ऑपरेशन है जब बालाघाट में एक महिला सहित तीन माओवादी गोली बारी में मारे गए। यह मुठभेड़ लांजी मुख्यालय से 15 किमी दूर बहेला पुलिस के तहत कदला गांव में हुई है। मृतक माओवादियों की पहचान नागेश, मनोज और रामू के रूप में हुई है- सभी टांडा और दरेकसा दलम के सदस्य थे। नागेश मंडल समिति सदस्य था जबकि मनोज क्षेत्र समिति सदस्य था।
इसी के साथ मध्य प्रदेश से एक और खबर सामने आई है। जानकारी है कि देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहने वाला पीपल्स लिबरेशन गुर्रिला आर्मी (पीएलजीए) संगठन इस वर्ष कथित नक्सल सप्ताह की 22वीं सालगिरह पर 2 दिसंबर को बड़े पैमाने पर भर्ती की तैयारी में है। बता दें कि यह जानकारी ठीक 2 दिन पहले 30 नवंबर को मध्य प्रदेश के मंडला-बालाघाट जिले की सीमा पर हॉक फोर्स द्वारा मुठभेड़ में ढ़ेर हुए माओवादियों के पास से बरामद पर्चे से मिली है।
दरअसल बुधवार की सुबह बालाघाट, मंडला और छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती क्षेत्र सुपखार-मोतीनाला के पास जंगलो में सुरक्षाबलों एवं माओवादियों की मुठभेड़ हो गई थी, करीब आधे घंटे तक चली इस गोलीबारी के बाद जब हॉक फोर्स की टीम की फायरिंग का जवाब मिलना बंद हुआ, तो टीम ने क्षेत्र की तलाशी ली जहां से 2 माओवादियों का शव बरामद किया गया।
इनमें एक की पहचान गणेश मरावी (35) के रूप में की गई है। गणेश पर 15 केस दर्ज थे। दूसरा राजेश झिरम है। जानकारी है कि दोनों पर 43 लाख का इनाम घोषित था और यह दोनों ही खतरनाक नक्सली हिडमा के साथ काम कर चुके थे। हॉक फोर्स की इस कार्रवाई में एक महिला माओवादी फरार हो गई। आशंका है कि उसे भी गोली लगी है।
हॉक फोर्स ने माओवादियों के पास से जो पर्चे बरामद किए हैं। उनमें लिखा है - "युवक-युवती भर्ती हो जाओ, पीएलजीए में बड़ी संख्या में भर्ती हो जाओ। मोदी की प्रतिक्रांतिकारी समाधान 2017-2022 राजनीतिक हमला मुर्दाबाद | शोषण और उत्पीड़न से भरी व्यवस्था को ध्वस्त करने के लिए पीजीएलए में भर्ती होकर जनयुद्ध तेज करो।"
इस संदर्भ में बालाघाट जोन के आईजी संजय सिंह ने बताया कि ये कान्हा भोरमदेव डिवीजन के सदस्य हैं और मारे गए नक्सली गणेश के पास एके 47 मिली है, वह डिवीजनल कमेटी मेंबर रैंक का था जबकि उसका दूसरा साथी राजेश था, जो पीएलए 2 के कमांडर के रूप में सक्रिय था, सिंह ने बताया कि दोनों ही माओवादी पीएलजीए सप्ताह की तैयारी में हैं।
बता दें कि पीएलजीए लंबे समय से जनजातीय समुदाय के भोले भाले युवक- युवतियों को दिग्भ्रमित कर उन्हें अपनी कथित क्रांति की सनक में शामिल कर उनका भविष्य तबाह करता आया है, अब माओवादियों से बरामद किए गए इन पर्चों ने एक बार फिर माओवादियों की जन-विरोधी विद्वेषित मानसिकता को उजागर किया है जहां युवक-युवतियों को रोजगार के सकारात्मक साधनों से जोड़ने के प्रयासों के बजाए वे इनके हाथों में बंदूक थमाने को आतुर दिख रहे हैं।