क्या छत्तीसगढ़, क्या झारखंड, कांग्रेस शासित प्रदेशों में जम कर चल रही कोयलाबजारी

The Narrative World    05-Dec-2022   
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Bhupesh Baghel and Hemant soren 
 
अभी तीन दिन पूर्व छत्तीसगढ़ प्रशासनिक सेवा (CAS) की एक वरीय अधिकारी सौम्या चौरसिया को मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में गिरफ्तार किया गया है, ये 2018 में राज्य में बघेल की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय में शामिल हुईं थीं । जानकारी है कि शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव सौम्या चौरसिया को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा अवैध खनन से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में गिरफ्तार किया है। चौरसिया पर 150 करोड़ रुपये से अधिक के अवैध खनन मामले में रूप से शामिल होने के आरोप हैं।
 
बता दें कि के सौम्या अवैध खनन के इस बंदरबाट को लेकर लंबे समय से केंद्रीय एजेंसियों के निशाने पर थी और आयकर (आईटी) विभाग द्वारा पहले भी उनसे जुड़े अन्य स्थानों पर छापा मारा गया था। ज्ञात हो कि यह मामला एक घोटाले से संबंधित है, जिसमें "25 रुपये प्रति टन की अवैध लेवी छत्तीसगढ़ में हर टन कोयले से निकाली जा रही है, जिसमें वरिष्ठ नौकरशाहों, व्यवसायी, राजनेता और बिचौलिए शामिल हैं।"
 
शीर्ष स्तर की अधिकारी चौरसिया ने इससे पहले तब सुर्खियां बटोरीं थी जब जुलाई में आई-टी विभाग ने उनके घर पर छापा मारा था और कुल ₹14 करोड़ मूल्य की 'अघोषित' नकदी और आभूषण जब्त किए थे। इस के साथ ही इस छापेमारी में करोड़ो की राशि के गबन का भी पता चला था।
 
इस संदर्भ में फरवरी 2020 में चौरसिया के भिलाई स्थित आवास पर पहली बार आयकर अधिकारियों द्वारा तलाशी ली गई थी, जिसको लेकर मुख्यमंत्री बघेल ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा तंग कि कांग्रेस शासित में आयकर छापे "असंवैधानिक" और "राजनीतिक रूप से प्रेरित" हैं, इसी संदर्भ में भूपेश बघेल ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को एक नाराजगी भरा पत्र भी भेजा था।
बघेल ने अपने पत्र में आरोप लगाया था कि दरअसल यह छापे, उनकी सरकार द्वारा पिछली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के तहत भ्रष्टाचार के कृत्यों में शुरू किये गए छापों के प्रतिउत्तर में की गयी, राजनीति है।
 
बता दें कि छत्तीसगढ़ में आयकर विभाग के अधिकारियों द्वारा इस संदर्भ में राज्य के भीतर 30 से अधिक स्थानों पर तलाशी ली गई थी, एजेंसी ने अक्टूबर में राज्य के एक आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई और दो अन्य लोगों को इसी मामले में छापेमारी के बाद गिरफ्तार भी किया था जिसके उपरांत बघेल ने पिछले हफ्ते पत्रकार वार्ता में ईडी पर अपना हमला तेज करते हुए, जांच एजेंसी पर अपनी हद पार करने और राज्य में लोगों के साथ अमानवीय व्यवहार करने का आरोप लगाया था।
 
 
झारखंड भी नहीं है अपवाद
 
 
वहीं अभी ऐसा ही कुछ मामला गत माह झारखंड से भी सामने आया था आया जब कुछ दिन पूर्व ही झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने साहिबगंज जिले में अवैध खनन से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ की थी , जिसके उपरांत सोरेन ने केंद्रीय एजेंसी के दावों को खारिज करते हुए कहा था कि यह जांच उनके विरुद्ध एक "षड्यंत्र" है।
 
जबकि इस मामले को लेकर ईडी ने कहा था कि उन्होंने राज्य में अब तक 1,000 करोड़ रुपये के अवैध पत्थर खनन से संबंधित अपराध की "पहचान" की है। बता दें कि ईडी ने इस मामले में सोरेन से साढ़े नौ घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी I
 
हालांकि इस पूरे प्रकरण को लेकर मीडिया को संबोधित करते हुए सोरेन ने कहा था, 'यह मेरी समझ से परे है कि 1,000 करोड़ रुपये के अवैध खनन का आंकड़ा कैसे पहुंच गया ऐसा आरोप लगाना संभव ही नहीं है, मैं एक संवैधानिक पद पर हूं और जिस तरह से समन जारी किए जा रहे हैं, उससे लगता है कि राजनेता देश छोड़कर चले जाएंगे... यह एक षड़यंत्र है।”
 
ज्ञात हो कि रांची की एक विशेष अदालत में दायर अपने शिकायत में, ईडी ने उल्लेख किया था कि उन्होंने सोरेन के प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के कब्जे से "दो हस्ताक्षरित चेक और 31 ब्लैंक चेक बरामद किए थे, जो हेमंत सोरेन से संबंधित थे। बता दें कि मुख्यमंत्री सोरेन के प्रतिनिधि पंकज मिश्रा को इस मामले में पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।