झारखंड के चतरा के कुंदा में माओवादियों/नक्सलियों ने लंबे समय बाद एक बार फिर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करायी है। यहां माओवादियों ने गारो गांव में सड़क निर्माण कार्य में लगे दो JCB को आग के हवाले कर दिया, इसके बाद से क्षेत्र में दहशत का माहौल है, वहीं पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया गया है।
दरअसल प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत पिंजनी से गारो गांव तक चल रहे सड़क निर्माण कार्य में लगे दो जेसीबी को माओवादियों ने आग के हवाले कर दिया। बताया जा रहा है कि जेसीबी द्वारा सड़क निर्माण कार्य में मिट्टी से फ्लैक भरने का कार्य चल रहा था, इस दौरान नक्सली मौके पर पहुंचे और घटना को अंजाम देने से पहले गारो गांव को अपने कब्जे में कर लिया, इसके बाद सड़क निर्माण में लगे जेसीबी के पास जाकर ड्राइवर के साथ मारपीट करते हुए जेसीबी में आग लगा दी। साथ ही बिना आदेश के कार्य शुरू नहीं करने की चेतावनी भी दी।
माओवादियों की इस घटना से क्षेत्र में चल रहे विकास कार्य को लेकर ठेकेदारों की बेचैनी बढ़ गयी है। इधर, इस घटना के बाद क्षेत्र के लोगों में दहशत है, माओवादियों की उपस्थिति से अन्य कार्य में लगे लोग भी सहम गये हैं।
इसी के साथ राज्य से एक और घटना सामने आई है। जानकारी है कि माओवादी संगठन PLFI कमांडर माइकल गुड़िया तथा मुकेश चीक बड़ाईक सहित पांच सक्रिय माओवादियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
माइकल गुड़िया आनंदपुर थाना क्षेत्र के सोदा ऊपर टोली से तथा मुकेश बड़ाईक बसिया थाना क्षेत्र के लबाकेरा डुमकी टोली का रहने वाला है। गिरफ्तार किये गये अन्य लोगों में सिकीदरी थाना क्षेत्र के अगरतोली का अर्जुन मुंडा, बानो थाना क्षेत्र के भंडारवेली का सुरेंद्र बड़ाईक तथा अनगड़ा थाना क्षेत्र के बुकी बॉलौटा गांव का पंकज महतो शामिल है।
इन माओवादियों के पास से पुलिस ने एक देसी कट्टा, मोबाइल फोन, PLFI का पर्चा तथा चंदा रसीद बरामद किया गया है। बताया गया कि गिरफ्तार माओवादी आनंदपुर क्षेत्र में जमीन विवाद में पैसे लेकर एक व्यक्ति की हत्या करने की नियत से यहां पहुंचे थे।
दरअसल इस मामले में प्रभारी पुलिस अधीक्षक को सूचना मिली कि पीएलएफआई का एक सक्रिय सदस्य किसी आपराधिक घटना को अंजाम देने के लिए अवैध हथियार के साथ बस द्वारा रांची से रनिया की तरफ जा रहा है। इस सूचना पर एसडीपीओ ओमप्रकाश तिवारी के नेतृत्व में एक टीम का गठन कर छापामारी की गयी। चुरगी नदी पुल के पास बस की चेकिंग के दौरान पीएलएफआई का सक्रिय सदस्य अर्जुन मुंडा को देसी कट्टा एवं गोली के साथ गिरफ्तार किया।
गिरफ्तारी के बाद माओवादी अर्जुन ने पुलिस को बताया कि आनंदपुर क्षेत्र का पीएलएफआई कमांडर माइकल गुड़िया, मुकेश चीक बड़ाईक और पंकज महतो के साथ मिलकर आनंदपुर क्षेत्र में एक व्यक्ति की हत्या करने वाला है। अर्जुन की निशानदेही पर माइकल, मुकेश, पंकज एवं सुरेंद्र को भी गिरफ्तार किया गया। मुकेश पर गुमला जिला के बसिया, पालकोट, कामडारा थाना क्षेत्र में आधा दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं। माइकल गुड़िया भी पूर्व में जेल जा चुका है।
माओवादियों की गिरफ्तारी के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुलिस अधीक्षक ने कहा कि माओवादी सरेंडर करें और सरकार की योजना का लाभ लें, आज कई माओवादी व उग्रवादी सरकार की सरेंडर पॉलिसी का लाभ लेकर परिवार के साथ अच्छी जिंदगी बिता रहे हैं, यदि वे ऐसा नहीं करते तो अंजाम भुगतने को तैयार रहें।
वहीं एक अन्य घटनाक्रम में बिहार एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने एक इनामी माओवादी को पकड़ने में सफलता प्राप्त की है। जानकारी है कि लखीसराय निवासी माओवादी सुभाष साव उर्फ सुभग साव, जिस पर राज्य सरकार द्वारा 50 हजार का इनाम घोषित था, को गिरफ्तार कर लिया गया है।
लखीसराय जिले के कजरा थानाक्षेत्र के खैरा गांव का रहने वाला माओवादी सुभाष साव उर्फ सुभग साव एक हार्डकोर माओवादी है और उसपर 50 हजार रुपये का इनाम तक घोषित था। नालंदा में उसे संदेह के आधार पर एसटीएफ ने धर दबोचा और कजरा थाना लेकर आई, जहां माओवादी से पूछताछ की गयी। इसे जमालपुर एसटीएफ ने पकड़ा है, इस माओवादी पर पुलिसकर्मियों के अपहरण समेत कई गंभीर आरोप हैं।
जानकारी के अनुसार, 2010 में कजरा थानाक्षेत्र में पुलिस से मुठभेड़ और चार पुलिसकर्मियों के अपहरण मामले में वह नामजद अभियुक्त है। इस घटना में एक पुलिसकर्मी की हत्या कर दी गयी थी। कजरा थाने में केस संख्या 33/10, 19/14, 22/14 में वो वांटेड है, जबकि चानन थाना में दर्ज केस संख्या 33/13 व 34/13 में भी वह वांटेड है। धनबाद- पटना इंटरसिटी पर हमला करने के मामले में भी ये आरोपित रहा है।