ओडिशा के कंधमाल जिले में मंगलवार को सुरक्षाकर्मियों के साथ मुठभेड़ में भाकपा (माओवादी) की दो महिला सदस्यों की मौत हो गई। शीर्ष पुलिस अधिकारी एस के बंसल ने घटना की पुष्टि की है।
पुलिस महानिदेशक एस के बंसल ने बताया कि माटाकुपा रिजर्व फॉरेस्ट में माओवादियों के साथ मुठभेड़ में दो महिला माओवादियों को मार गिराया गया है और पुलिस की टीम ने शवों के पास से एक आईएनएसएएस राइफल सहित 11 राउंड गोला बारूद और एक आईईडी भी बरामद किया है।
जानकारी है कि पुलिस को माटाकुपा के जंगलो में माओवादी कैडरों की आवाजाही पर गोपनीय सूचना प्राप्त हुई थी, जिस पर कार्रवाई करते हुए, ओडिशा के विशेष अभियान समूह (एसओजी) के कर्मियों ने जंगल में खोजी अभियान चलाया था, जहां उनकी कम्युनिस्ट आतंकियों से मुठभेड़ हुई है।
अभियान के संदर्भ में जानकारी साझा करते हुए डीजीपी ने अपनी प्रेसवार्ता में कहा कि, " जंगल के अंदर माओवादियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच मुठभेड़ हुई है, जिसमें दो महिला कैडर मारी गई हैं, वे दोनों प्रतिबंधित संगठन की वर्दी पहने हुए थीं। दोनों ही माओवादियों के शव बरामद कर लिए गए हैं और पहचान की प्रक्रिया जारी है।"
उन्होंने आगे कहा कि "क्षेत्र में सुरक्षाकर्मियों की अतिरिक्त टीमों की तैनाती के साथ खोजी अभियान भी तेज कर दिया गया है। वार्ता के दौरान डीजीपी ने अपने बयान में माओवादियों से हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि, "राज्य सरकार के पास बहुत ही फायदेमंद आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति है और सभी माओवादियों को इसका लाभ उठाना चाहिए।"
बता दें कि माओवादियों द्वारा प्रतिवर्ष मनाए जाने वाले पीएलजीए सप्ताह की दृष्टि से सुरक्षाबलों द्वारा लगातार खोजी एवं छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है इसी क्रम में अभी हाल ही में बिहार से भी एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने इनामी माओवादी को पकड़ने में सफलता प्राप्त की था। बिहार के लखीसराय निवासी माओवादी सुभाष साव उर्फ सुभग साव, जिस पर राज्य सरकार द्वारा 50 हजार का इनाम घोषित था, को गिरफ्तार कर लिया गया था।
दरअसल लखीसराय जिले के कजरा थानाक्षेत्र के खैरा गांव का रहने वाला माओवादी सुभाष साव उर्फ सुभग साव एक हार्डकोर माओवादी है और उसपर 50 हजार रुपये का इनाम तक घोषित था। नालंदा में उसे संदेह के आधार पर एसटीएफ ने धर दबोचा और कजरा थाना लेकर आई, जहां माओवादी से पूछताछ की गयी थी। इसे जमालपुर एसटीएफ ने पकड़ा है, इस माओवादी पर पुलिसकर्मियों के अपहरण समेत कई गंभीर आरोप थे।