प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) का एक शीर्ष सदस्य किल्लू इंदु उर्फ भारती उर्फ जेमेली भारती समेत 34 सशस्त्र मिलिशिया सदस्यों ने बुधवार को आंध्र प्रदेश के पडेरू में अल्लूरी सीतारामराजू जिले के पुलिस अधीक्षक एस. सतीश कुमार के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
इस अवसर पर सीआरपीएफ की 198वीं बटालियन के कमांडेंट नोवल किशोर चौधरी और सीआरपीएफ की 234वीं बटालियन के कमांडेंट राजेश तिवारी मौजूद थे। बता दें कि माओवादियों ने उस समय आत्मसमर्पण किया जब उनकी पार्टी 2 दिसंबर से 8 दिसंबर तक पीएलजीए सप्ताह मना रही थी।
इस मामले पर मीडिया से वार्ता करते हुए पुलिस अधीक्षक ने कहा कि "सभी सशस्त्र मिलिशिया सदस्य आंध्र-ओडिशा सीमा (एओबी) क्षेत्र के आंतरिक हिस्सों से थे। कुछ कट-ऑफ क्षेत्र से थे, इस आत्मसमर्पण से ऐसा लगता है कि माओवादियों ने एओबी क्षेत्र में अपना प्रमुख समर्थन आधार खो दिया है।"
पुलिस अधीक्षक ने प्रेस वार्ता में यह भी बताया कि "पेडाबयालु मंडल के जादीगुडा गांव के मूल निवासी किल्लु इंदु 2014 में जन नाट्य मंडली में माओवादी समूह में शामिल हुई थी। वह चिक्कुडु चिन्नाराव उर्फ सुधीर की अध्यक्षता वाली टीम में एक सक्रिय सदस्य थी। वह चार हत्या के मामलों में सक्रिय रूप से शामिल थी, जिसमें दिसंबर 2017 में जी मदुगुला मंडल के मद्दीगारुवु में कोलाकानी सूर्या और मुक्कल्ला किशोर की दोहरी हत्या शामिल थी। उस पर 1 लाख का इनाम भी घोषित था।"
इसी क्रम में पुलिस अधीक्षक ने कहा कि "सभी मिलिशिया सदस्य माओवादियों को रसद और अन्य सहायता प्रदान करने के अलावा हत्या, अकाल छापे और बारूदी सुरंग विस्फोट जैसे विभिन्न मामलों में शामिल थे।" पुलिस ने उसके पास से छह मैनपैक सेट, पांच चार्जर, एक 5 किलो बारूदी सुरंग, एक 2 किलो क्लेमोर माइन और अन्य सामग्री जैसे सुरक्षा फ़्यूज़, तार और वर्दी के कपड़े के बंडल भी बरामद किए।
आत्मसमर्पण करने वाले मिलिशिया सदस्यों ने कहा कि उनका माओवादी समूह से मोहभंग हो गया है, क्योंकि वे अपने क्षेत्र के विकास में बाधा बन गए हैं। माओवादियों के अनुसार “हम अपने क्षेत्र में सड़कों, स्कूलों, चिकित्सा सुविधाओं और सेल कनेक्टिविटी जैसे विकास चाहते हैं। आंध्र ओडिशा बॉर्डर (एओबी) क्षेत्र में माओवादियों का प्रभाव कम होने से विकास धीरे-धीरे हम तक पहुंच रहा है।"
ज्ञात हो कि विशाखापत्तनम जिले का एजेंसी क्षेत्र, जो अब एएसआर जिले का हिस्सा है, अधिकतर पीएलजीए सप्ताह के दौरान हिंसक घटनाओं का गवाह बनता था। इसके अलावा इस साल माओवादियों का यह दूसरा 'सामूहिक आत्मसमर्पण' है। पहला आत्मसमर्पण जून के अंतिम सप्ताह के दौरान हुआ था, जब वरिष्ठ नेता वनथला रामकृष्ण उर्फ अशोक उर्फ प्रभाकर ने 33 अन्य सदस्यों और 27 प्रमुख मिलिशिया सदस्यों के साथ पदेरू में आत्मसमर्पण किया था।
नारायणपुर में पकड़ा गया एक इनामी माओवादी
छत्तीसगढ़ के नारायणपुर से भी एक माओवादी पकड़ा गया है। राज्य सरकार द्वारा इस माओवादी पर दस हजार का इनाम घोषित किया गया था। दरअसल यह नक्सली आगजनी एवं मारपीट जैसी जघन्य घटना में शामिल था और अब इसे न्यायालय के समक्ष पेश कर जेल भेज दिया गया है।
बता दें कि उक्त नक्सली को जिला मुख्यालय से लगे कोचवाही नाला के पास पुल निर्माण कार्य मे लगी मिक्सर मशीन को आग के हवाले करने एवं मजदूरों के साथ मारपीट करने की घटना में शामिल होने के कारण पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इसको न्यायालय के समक्ष पेश कर जेल भेज दिया गया है।
जानकारी के अनुसार फरवरी 2014 में कोचवाही नाला के पास निर्माण कार्य चल रहा था। इस दौरान नेलनार दलम के सदस्यों एवं नक्सली सहयोगियों के द्वारा निर्माण कार्य में लगे कर्मचारियों से मारपीट कर मिक्सर मशीन को आग लगा कर घटना को अंजाम दिया गया था। इससे नारायणपुर थाने में नेलनार दलम के माओवादियों के विरुद्ध धारा 147, 148, 149, 506, 435 भादवि एवं धारा 25, 27 आर्म्स एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध कर अनुसंधान में लिया गया था।
बता दें कि इस मामले में पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार के मार्गदर्शन में घटना में संलिप्त नक्सलियो की खोज की जा रही थी। इस खोज के दौरान ज्ञात हुआ कि मामले में संलिप्त एक आरोपी बखरुपारा क्षेत्र में देखा गया है। इस सूचना पर निरीक्षक तोपसिंह नवरंग थाना प्रभारी नारायणपुर के नेतृत्व में टीम गठित कर कार्यवाही हेतु रवाना किया गया था। इस टीम के द्वारा बखरुपारा क्षेत्र में एक व्यक्ति की पहचान कर घेराबंदी कर पकड़ा गया।
इस मामले में आरोपी मंगतू राम वड़दा को नारायणपुर पुलिस के द्वारा गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड में जेल भेजा गया है। इस गिरफ्तार नक्सली के संबंध में पूर्व में नारायणपुर पुलिस द्वारा 10 हजार रुपये का ईनाम उद्घोषणा आदेश जारी की गई थी।