नारायणपुर-दंतेवाड़ा के सीमावर्ती माड़ क्षेत्र में सुरक्षाबलों को माओवादियों के विरुद्ध अब तक की सबसे बड़ी सफलता मिली है। फोर्स ने एनकाउंटर में 30 से अधिक माओवादियों को मार गिराया है। माड़ क्षेत्र के थुलथुली के जंगलों में हुए इस मुठभेड़ में माओवादी आतंकी संगठन को भारी नुकसान उठाना पड़ा है, जिसके बाद यह अनुमान लगाया जा रहा है कि माओवादियों की कंपनी नंबर 6 लगभग खत्म होने की कगार में आ चुकी है।
शुक्रवार को सुरक्षाकर्मियों की संयुक्त टीम के द्वारा चलाए गए इस ऑपरेशन में 30 से अधिक माओवादियों के मारे जाने की खबर आई है, अभी तक जंगलों से सर्च अभियान के दौरान सुरक्षाबलों ने 31 शव बरामद कर लिए हैं। वहीं 5-6 माओवादियों के शव और बरामद होने का अनुमान भी लगाया जा रहा है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि सुरक्षाकर्मियों ने इतनी बड़ी संख्या में माओवादियों को ढेर किया है। मुठभेड़ के बाद घटनास्थल से सुरक्षा बल के जवानों ने एके-47, एलएमजी, एसएलआर, इंसास जैसे कई हथियार बरामद किए हैं। नारायणपुर जिला पुलिस अधीक्षक ने जानकारी देते हुए बताया कि शुक्रवार की देर रात 28 शवों की पुष्टि होने के बाद अंधेरा होने के कारण सर्चिंग रोक दी गई थी। वहीं आज शनिवार तड़के से ही सर्चिंग शुरू हो चुकी है।
दो दिन पहले बनी थी योजना, 500 जवानों ने चलाया ऑपरेशन
फोर्स ने जिस जंगल में ऑपरेशन चलाकर सफलता हासिल की है, वह क्षेत्र कहीं से भी अनुकूल क्षेत्र नहीं है। इस क्षेत्र में माओवादियों का व्यापक प्रभाव रहा है, साथ ही यहां माओवादी अपना अस्थायी कैम्प भी बनाकर रखते हैं। इस बार भी माओवादियों ने इस जगह पर अपना अस्थायी कैम्प बनाया था, और उन्हें यह पूरा भरोसा था कि पुलिस कभी भी इतने विपरीत परिस्थितियों के क्षेत्र में ऑपरेशन लॉन्च नहीं करेगी।
थुलथुली क्षेत्र में माओवादियों के स्थायी कैम्प होने और इसमें बड़ी संख्या में माओवादियों की मौजूदगी की जानकारी पुलिस को गुप्त सूत्रों के माध्यम से बुधवार को ही मिल चुकी थी। जानकारी मिलने के बाद माओवादियों के विरूद्ध ऑपरेशन लॉन्च करने के लिए दंतेवाड़ा एवं नारायणपुर जिला के पुलिस अधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें यह तय हुआ कि इन दोनों जिलों की पुलिस टीम इस ऑपरेशन का नेतृत्व करेगी।
पुलिस की योजना के अनुसार थुलथुली क्षेत्र को जवानों ने दो ओर से घेरना शुरू किया, जिसके चलते माओवादियों को भागने का कोई मौक़ा नहीं मिला। वहीं फोर्स की इस टीम में बस्तर के 5 जिलों के सबसे अच्छे जवानों को शामिल किया गया। जवानों के इस संयुक्त ऑपरेशन में दंतेवाड़ा-नारायणपुर के डीआरजी और एसटीएफ के 500 जवान थे, जिसके बाद अतिरिक्त फोर्स के रूप में सीआरपीएफ की टुकड़ी को भी भेजा गया।
थुलथुली के जंगलों में जवानों की रणनीति और फिर ढेर हुए माओवादी
गुरुवार को रणनीति बनने के बाद ही जवानों ने ऑपरेशन लॉन्च कर दिया था, जिसके चलते जवान गुरुवार की रात तक ही माड़ के जंगलों में पहुंच गए थे। इसके बाद लंबा रास्ता तय करते हुए जवानों ने थुलथुली में माओवादियों द्वारा बनाए गए अस्थाई कैम्प को घेरना शुरू किया।
फोर्स को अपने कैम्प के पास देखकर माओवादियों ने पुलिस बल पर फायरिंग शुरू की, लेकिन जवान नक्सलियों के इस हमले के लिए पहले से ही तैयार थे, जिसके चलते माओवादियों का यह हमला पूरी तरह से असफल हुआ। इसके बाद जवानों ने जवाबी कार्यवाई करते हुए, एनकाउंटर शुरू किया और पहले राउंड में 7 माओवादियों को मार गिराया।
इस दौरान रुक-रुककर फायरिंग चलती रही, जिसके बाद एक के बाद एक माओवादियों के मारे जाने की खबर सामने आई। शाम तक सामने आई खबर में कहा गया कि 14 माओवादी ढेर हो चुके हैं, वहीं देर रात 28 माओवादियों के शवों की पुष्टि हुई। सुबह यह संख्या 31 तक पहुंच चुकी है, जो जवानों के लिए सबसे बड़ी सफलता है।
मुख्यमंत्री ने किया था दंतेवाड़ा-बीजापुर का दौरा, एनकाउंटर के बाद रायपुर में ली उच्च स्तरीय मीटिंग
जिस दिन सुरक्षाबलों ने माओवादियों के विरुद्ध छत्तीसगढ़ के इतिहास की सबसे बड़ी सफलता हासिल की, उसी दिन प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय दंतेवाड़ा और बीजापुर के दौरे पर थे। एनकाउंटर के दौरान उन्हें सभी अपडेट्स दिए जा रहे थे, जिसके बाद उन्होंने देर रात सीएम आवास में पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक ली।
मुख्यमंत्री ने अबूझमाड़ में किए गए इस ऑपरेशन को एक बड़ी सफलता बताया है, वहीं उन्होंने कहा है कि यदि माओवादी हिंसा का रास्ता नहीं छोड़ते हैं तो आगामी समय में ऑपरेशन को और तेज किया जाएगा।