2024 का भारतीय आम चुनाव और 21वीं सदी की चुनौतियां

2024 का संसदीय आम चुनाव बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें ऐसी सरकार चुनना है कि वह मजबूत, शक्तिशाली और प्रभावशाली हो। वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने तीसरे कार्यकाल के लिए चुनाव में भाग ले रहे हैं। उनका विजन 2047 तक भारत को विकसित और समृद्ध राष्ट्र बनाना है। यही नहीं अमेरिका और चीन के बाद भारत को सुदृढ़ अर्थ व्यवस्था वाला देश बनाना है, जिससे देश से ग़रीबी और बेकारी समाप्त हो जायेगी।

The Narrative World    23-May-2024   
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भारत विश्व का सबसे प्राचीन राष्ट्र है। ज्ञान - सूर्य का उदय सर्व प्रथम भारत में ही हुआ था। यहां के मनीषियों ने विचार कर शासन की क ई प्रणालियां निश्चित की थी। यहां सर्व प्रथम वह शासन प्रणाली थी जिसमें कोई राजा नहीं होता था, बल्कि सब लोग मिलकर ही अपना शासन प्रबन्ध करते थे। फिर ग्राम सभा, समिति आदि का निर्माण हुआ जिसमें प्रजा जन अपना प्रतिनिधि निर्वाचित करते थे।यह गणराज्य प्रणाली थी। महाभारत काल और बौद्ध काल में कई गणराज्य थे। बहुत समय बाद निर्वाचन को छोड़ दिया गया और वंश परंपरागत व्यक्ति शासक या राजा होने लगे। यह स्वतंत्रता प्राप्ति तक चलता रहा है।

स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत ने लोकतांत्रिक व्यवस्था को स्वीकार किया आज भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है, जिसकी जनसंख्या 140 करोड़ है और यह क्षेत्रफल में विश्व का सातवां बड़ा देश है। भारत में 96.8 करोड़ मतदाता हैं जोकि 28 राज्य और 09 केंद्र शासित राज्यों में हैं। निम्न सदन - लोकसभा के लिए 543 संसद सदस्यों का चुनाव भारतीय मतदाता करेंगे। सभी का कार्य काल 5 वर्षों का होता है। उसी प्रकार उच्च सदन -राज्य सभा में 250 सदस्य होते हैं जिनका चयन विधानसभा सदस्य 06 वर्षों के लिए करते हैं।

भारत में लोकसभा के चुनाव सात चरणों (19 अप्रैल, 26 अप्रैल, 07 मई, 13 मई, 20 मई, 25 मई, 01 जून 2024) में संपन्न हो रहे हैं और इसी के साथ आंध्रप्रदेश, सिक्किम, उड़ीसा और अरूणाचल प्रदेश के विधानसभा के भी चुनाव संपन्न हो रहे हैं।


भारत में स्वतंत्रता के बाद 1950 में संविधान लागू होने के बाद 1952 में प्रथम लोकसभा के चुनाव हुये थे। इस बार 2024 में 18वीं लोकसभा के चुनाव हो रहे हैं। भारत में 08 राष्ट्रीय पार्टियां और 57 क्षेत्रीय पार्टियां हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि लोकसभा में 545 सदस्य हैं लेकिन 545 से अधिक राजनीतिक दल चुनाव आयोग में पंजीकृत हैं। हमारे देश में चुनाव पहले मतदान मतपत्र द्वारा मतपेटी से होता था लेकिन अब कई बार से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से हो रहा है। अब मतदान प्रक्रिया बहुत ही आसान और पारदर्शी हो गई है।

21वीं शताब्दी का यह लोकसभा चुनाव भारतीय लोकतंत्र के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस शताब्दी में भारत को लोकसभा में पूर्ण बहुमत हासिल हुआ है। पिछले एक दशक से भारत में स्थिर और पूर्ण बहुमत वाली सरकार है।


स्वतंत्रता के बाद प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने देश को समाजवादी तर्ज पर विकसित करने का कार्य किया और बड़े और महत्वपूर्ण उद्योग सार्वजनिक रूप से स्थापित किये गये। देश को उद्योग और कृषि के विकास पर जोर दिया गया। लेकिन कृषि तकनीक अविकसित थी जबकि पूरे देश की 45% भूमि कृषि के लिए उपयुक्त थी।


हरित क्रांति से कृषि में खाद्यान्न का उत्पादन बढ़ाया गया और देश खाद्यान्न में आत्म निर्भर हो गया यही नहीं श्वेत क्रांति से पशुपालन का विकास कर दुग्ध उत्पादन में विश्व में नं एक हो गए हैं। लेकिन परिवहन, संचार, प्रौद्योगिकी, वित्त, बाजार को विकसित करने पर जोर नहीं दिया गया। इसलिए निर्यात के बजाय आयात ही अधिक होता था।


विश्व में अमेरिका और सोवियत संघ ने द्वितीय विश्व युद्ध साथ-साथ लड़ा लेकिन उसके बाद अमेरिका ने पूंजीवाद और सोवियत संघ ने कम्युनिस्ट गुट बना कर विश्व को विभाजित कर दिया। अर्ध शताब्दी तक युद्ध तो नहीं हुए बल्कि आपस में शीत युद्ध होता रहा। इसी बीच एक और गुट भारत, यूगोस्लाविया और मिस्र के नेतृत्व में बन गया जिसे गुटनिरपेक्ष आंदोलन कहा जाता था।


सदी के अंतिम दशक में सोवियत संघ का विघटन हो गया और 15 देशों में बंट गया। और वामपंथ कमजोर होकर शक्तिहीन हो गया। द्वितीय विश्व युद्ध से जर्मनी, इटली और जापान कमजोर हो गये थे वह अर्ध शती में विकसित हो कर विश्व पटल पर तेजी से उभरे। चीन भी सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश था, वह भी विकसित की दौड़ में आ गया।


लेकिन भारत अधिक जनसंख्या, ग़रीबी और राजनैतिक इच्छाशक्ति के अभाव में विकसित की दौड़ में पिछड़ गया। पंचवर्षीय योजनाओं से भी अधिक लाभ जनता को नहीं मिला और देश का समुचित विकास नहीं हो पाया। भारत बस विकासशील देशों की श्रेणी में आ गया। 20वीं शताब्दी के अंतिम दशक में विश्व में व्यापार में खुलापन आया जोकि समय की मांग थी अब मुक्त व्यापार का युग आ गया। वस्तुएं ही नहीं बड़ी -बड़ी कंपनिया विश्व के सभी भागों में स्थापित होने लगी।


21वीं शताब्दी भारत के लिए महत्वपूर्ण रही है। पिछले एक दशक से मजबूत और स्थिर सरकार ने देश में ही नहीं बल्कि विश्व में अपनी पहचान बना ली है। वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक दशक से विकास और अंतरराष्ट्रीय जगत में विशिष्ट स्थान बना लिया है।


भारत में कृषि, उद्योग, परिवहन, संचार, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा में तेजी से वृद्धि हो रही है। भारत को अर्थव्यवस्था वृद्धि में अभूतपूर्व सफलता मिली है और विकास की दर 7% हो गई है और यह अर्थव्यवस्था 4 ट्रिलियन की हो गई है। जोकि विश्व के चौथे रैंक के जापान के समकक्ष है।


अगले पांच वर्षों में भारतीय विकास की अर्थव्यवस्था 5 से 7 ट्रिलियन की हो जायेगी। यही नहीं, भारत के पांच राज्य - महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश अगले पांच वर्षों में एक ट्रिलियन वाले विकसित राज्य बन जायेंगे।


अगले एक दशक में पांच और राज्य - तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, असम, मध्यप्रदेश, हरियाणा और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर एक ट्रिलियन अर्थ व्यवस्था वाले राज्य बन जायेंगे। केरल, बंगाल, और बिहार में विकास की गति अपेक्षित नहीं बन पा रही है।

भारत में परिवहन के साधनों का तेजी से विकास हो रहा है, क्योंकि नीतिढाचा किसी देश को विकसित करने में सक्षम होते हैं। देश में 66 लाख किलोमीटर सड़कों का जाल निर्मित हो गया है जिसमें से 15000 किलोमीटर सुपर उच्च महामार्ग हैं और सभी प्रमुख शहरों को सुपर उच्च मार्गों से जोड़ दिया गया है।


देश में अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय जल पोर्ट और वायु पत्तन विकसित हो गये हैं। मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता, बैंगलोर, चेन्नई जैसे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे देश की सेवा कर रहे हैं। भारत की रेलवे विश्व में चौथा स्थान रखती है और विश्व का सबसे बड़ा संगठन (15 लाख कर्मचारी) भारतीय रेल है। भारत में बुलेट रेल परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है। सेमी स्पीड रेल वंदे भारत का निर्माण देश में ही हो रहा है और यह ट्रेन 75 मार्गों पर सफलतापूर्वक चल रही है। देश के सभी महत्वपूर्ण रेल मार्गों का विद्युतीकरण हो गया है। देश के करीब 50 रेलवे स्टेशन अंतरराष्ट्रीय स्तर का विकसित कर दिया गया है। संचार में 5जी सफलतापूर्वक कार्य कर रहा है और 6जी पर भी काम चल रहा है।


उत्तर भारत की नदियों को एक महत्वाकांक्षी परियोजना के अंतर्गत दक्षिण भारत की नदियों से जोड़ा जा रहा है जिससे वर्षा का अतिरिक्त जल सूखे क्षेत्रों में भेजा जाएगा और जल की कमी को दूर किया जा सके। इस परियोजना को पूरा होने में एक दशक से अधिक का समय लग सकता है।

21वीं शताब्दी में भारत बहुत बड़े बाजार के रूप में विकसित हुआ है इसलिए विश्व की बड़ी कंपनियां भारत में ही अपने प्लांट लगा रही हैं। भारत में सभी क्षेत्रों में उद्योग निजी क्षेत्र में विकसित किए जा रहे हैं। यही नहीं रक्षा सामग्री भी सार्वजनिक क्षेत्र के साथ निजी क्षेत्र में निर्माण हो रहे हैं।

इसलिए 2024 का संसदीय आम चुनाव बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें ऐसी सरकार चुनना है कि वह मजबूत, शक्तिशाली और प्रभावशाली हो। वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने तीसरे कार्यकाल के लिए चुनाव में भाग ले रहे हैं। उनका विजन 2047 तक भारत को विकसित और समृद्ध राष्ट्र बनाना है। यही नहीं अमेरिका और चीन के बाद भारत को सुदृढ़ अर्थ व्यवस्था वाला देश बनाना है, जिससे देश से ग़रीबी और बेकारी समाप्त हो जायेगी।


विपक्षी पार्टियां अपने अस्तित्व के लिए पुरजोर कोशिश कर रही हैं। भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और आप केंद्र सहित कई राज्यों में शासन कर रही हैं। बाकी क्षेत्रीय पार्टियां - डीएमके, बीजू जनता दल, टीएमसी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, जनता दल( संयुक्त), शिवसेना, सपा, बसपा , तेलंगाना राष्ट्र समिति, अकाली दल आदि अपने अस्तित्व की रक्षा कर रही हैं। वामपंथी दल जो अखिल भारतीय हैं वे सभी केरल में सिमट गये हैं।

इस आम चुनाव से भारत का भविष्य जुड़ा है जोकि भारत को समृद्ध, विकसित, भ्रष्टाचारहीन बना सकता है। क्योंकि विगत कई शताब्दियों से विदेशियों ने कब्जा कर सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक क्षेत्र में भारत को अविकसित कर दिया था। उसके स्वर्णिम अतीत को मिटाने का प्रयास किया गया था उस गौरव को पुनः स्थापित करने का समय आ गया है। सभी भारतीयों को जागरूक, संगठित और मजबूत हो कर चुनाव में अपना अभूतपूर्व सफल हो कर योगदान देना है।


सबसे बड़ी बात यह है कि अमेरिका, चीनपाक और यूरोप नहीं चाहते हैं कि भारत में मजबूत सरकार बने और भारत शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में विश्व पटल पर सदैव सिरमौर बन जाये। इसलिए देश के बाहर और भीतर बराबर षड्यंत्र और विरोध समय-समय पर चल रहे हैं।


इसलिए यह चुनाव भारतीयों की एकता और देश की अखंडता के लिए निर्णायक सिद्ध होगी और सभी भारतीयों की संपूर्ण भागीदारी मतदान में हिस्सा लेकर भारतीय लोकतंत्र को सफल बनाना होगा, जिससे बड़े क्षेत्रफल को सार्थक और 140 करोड़ भारतीयों को खुशहाल बनाया जा सके और स्वर्णिम अतीत को वापस लाया जा सके।


लेख

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इन्दु शेखर त्रिपाठी

स्तंभकार - Writers For The Nation