झारखंड : इस्लामिक जिहादी ने 20 वर्षों तक किया जनजाति युवती का शारीरिक शोषण, अब दे रहा इस्लाम नहीं अपनाने पर वेश्यावृत्ति में धकेलने की धमकी

यह कोई पहला मौका नहीं है जब इस्लामिक जिहादी द्वारा झारखंड की जनजाति महिलाओं की अस्मिता पर आंच आई है, झारखंड में बीते कुछ वर्षों में यह देखा गया है कि प्रदेश की सरकार की तुष्टिकरण की नीति के चलते जनजातीय महिलाएं और जनजाति समाज शोषण का शिकार हो रहे हैं।

The Narrative World    27-Aug-2024   
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झारखंड में इस्लामिक जिहाद का सबसे बड़ा नुकसान वहां का जनजाति समाज झेल रहा है। एक ओर जहां इस्लामिक जिहादी लव जिहाद और लैंड जिहाद के माध्यम से जनजाति युवतियों को अपना शिकार बना रहे हैं
, तो वहीं दूसरी ओर जिन क्षेत्रों में मुस्लिम बहुसंख्यक हो चुके हैं वहां जनजाति युवतियों का शारीरिक शोषण किया जा रहा है, साथ ही उन्हें जबरन इस्लाम अपनाने की धमकी दी जा रही है।


ऐसा ही एक मामला झारखंड के गढ़वा जिले से सामने आया है, जहां एक इस्लामिक जिहादी ने जनजाति महिला का लगातार 20 वर्षों तक शारीरिक शोषण किया और अब जबरन इस्लाम अपनाने की धमकी दे रहा है। गौरतलब है कि इस घिनौने कृत्य को अंजाम देने वाला इस्लामिक जिहादी उसी क्षेत्र के पंचायत का मुखिया है।


गढ़वा जिले के रंका थाना क्षेत्र के अंतर्गत स्थित दूधवल पंचायत का मुखिया इस्लामिक जिहादी मोहम्मद इजहार अंसारी इस मामले का मुख्य आरोपी है, जिसमें उसके साथ नदीम अंसारी और सुल्ताना भी शामिल हैं।


तीनों के विरुद्ध पीड़ित जनजाति महिला ने न्यायालय में परिवाद दाखिल कर न्याय की मांग की है, जिसके बाद मामले की गंभीरता को समझते हुए न्यायालय ने रंका थाना को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है।


पीड़ित महिला के अनुसार जिस क्षेत्र में वह निवास करती है, वहां लगभग 300 घर मौजूद है, जहां केवल वही जनजाति महिला है। पीड़िता के अनुसार उस पूरे क्षेत्र में रहने वाले अन्य परिवार मुस्लिम हैं।


“न्यायालय में दाखिल परिवाद में पीड़िता ने कहा कि दूधवल क्षेत्र के वर्तमान पंचायत प्रमुख मोहम्मद इजहार अंसारी ने वर्ष 2003 में पहली बार हथियार की नोक में उसके साथ दुष्कर्म किया था। उस दौरान मोहम्मद इजहार अंसारी ने पीड़िता को नक्सली होने का भय दिखाया था, तब पीड़िता केवल 14 वर्ष की नाबालिग थी। इसके बाद से ही मोहम्मद इजहार अंसारी अक्टूबर 2023 तक लगातार पीड़िता का शारीरिक शोषण करता रहा, जिसके कारण पीड़िता का तीन बार गर्भपात भी कराना पड़ा।”


पीड़ित जनजाति महिला ने बताया कि मोहम्मद इजहार बार-बार उस पर इस्लाम कबूल करने का दबाव बना रहा है, और उसने इसके लिए कई बार धमकी भी दी है। मोहम्मद ने पीड़ित जनजाति महिला को इस्लाम कबूल नहीं करने पर वेश्यावृत्ति में धकेलने की धमकी दी है।


मोहम्मद की इस तरह की धमकियों के बाद पीड़ित जनजाति महिला ने रंका थाना, पुलिस अधीक्षक गढ़वा, पुलिस उपमहानिरीक्षक पलामू और मानवाधिकार आयोग में पत्र लिखकर गुहार लगाई थी, लेकिन कहीं से भी पीड़िता को न्याय नहीं मिला।


अंततः गढ़वा न्यायालय में परिवाद दायर कर महिला ने न्याय की अपील की, जिसके बाद मोहम्मद समेत तीनों इस्लामिक जिहादियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।


दरअसल यह कोई पहला मौका नहीं है जब इस्लामिक जिहादी द्वारा झारखंड की जनजाति महिलाओं की अस्मिता पर आंच आई है, झारखंड में बीते कुछ वर्षों में यह देखा गया है कि प्रदेश की सरकार की तुष्टिकरण की नीति के चलते जनजातीय महिलाएं और जनजाति समाज शोषण का शिकार हो रहे हैं।


झारखंड में व्यापक स्तर पर लव जिहाद और लैंड जिहाद का मामला सामने आ चुका है, जिसके चलते क्षेत्र में जनजातियों के अधिकारों पर जिहादियों द्वारा कब्जा किया जा रहा है।


पूर्व में ऐसे भी आरोप लगते रहे हैं कि झारखंड में बड़ी संख्या में बांग्लादेश के घुसपैठी आ चुके हैं, जिनके चलते ना सिर्फ झारखंड की डेमोग्राफी (जनसांख्यिकी) बदल रही है, बल्कि इन क्षेत्रों में जनजाति युवतियों को भी इनके द्वारा प्रेमजाल में फंसाकर लव जिहाद का षड्यंत्र रचा जा रहा है।