दो माह पूर्व छत्तीसगढ़ के जनजातीय बाहुल्य बस्तर संभाग के कोंडागांव क्षेत्र से एक खबर सामने आई थी, जिसमें स्थानीय जनजाति युवतियों को प्रेम जाल में फंसाकर इस्लामिक जिहादियों द्वारा दुष्कर्म किया जा रहा था, साथ ही उन्हें कन्वर्ट होकर मुस्लिम बनने के लिए प्रताड़ित भी किया जा रहा था।
इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी के रूप में इस्लामिक जिहादी नूर मोहम्मद उर्फ राजा को गिरफ्तार किया था, वहीं अन्य 23 ऐसे लोगों को भी गिरफ्तार किया था, जो कोंडागांव में अपनी पहचान छिपाकर रह रहे थे।
अब एक बार फिर कोंडागांव में पिछली बार से बड़ा रैकेट सामने आया है। कोंडागांव पुलिस ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर क्षेत्र की सीमा से लगे एक गांव से कोंडागांव की जनजाति युवती को रेस्क्यू किया है, जिसे शाहिद आलम नामक एक इस्लामिक जिहादी ने जबरन बंदी बनाकर रखा था।
सिर्फ इतना ही नहीं, आरोपी इस्लामिक जिहादी के मोबाइल से कोंडागांव समेत पूरे बस्तर संभाग की 63 जनजातीय युवतियों के नंबर भी मिले हैं, जिससे किसी बड़े षड्यंत्र की जानकारी मिल सकती है।
वहीं आरोपी के मोबाइल फोन में लड़कियों के आपत्तिजनक फ़ोटो-वीडियो भी प्राप्त हुए हैं, जिसके बाद कोंडागांव पुलिस ने अपनी जांच को और तेज कर दिया है।
बस्तर संभाग में वर्षों से ईसाई मिशनरियों द्वारा स्थानीय जनजातियों के कन्वर्जन का षड्यंत्र रचा जाता रहा है, लेकिन पिछले कुछ समय में देखा गया है कि स्थानीय जनजाति समाज ईसाई मिशनरियों के विरूद्ध आक्रामक रूप से विरोध करता नजर आया है।
बस्तर में अब इस्लामिक जिहादी भी निशाना लगाकर बैठे दिखाई दे रहे हैं, जिससे क्षेत्रीय अस्मिता पर संकट नजर आ रहा है। यह स्पष्ट रूप से दिख रहा है कि बस्तर क्षेत्र में इस्लामिक जिहादी जनजातीय युवतियों को निशाना बना रहे हैं। फोन और सोशल मीडिया के माध्यम से किशोरियों को फंसाया जा रहा है, जिसके बाद नौकरी, पढ़ाई और शादी का झांसा देकर उनके साथ दुष्कर्म किया जा रहा है।
कोंडागांव पुलिस ने बताया कि अब तक 260 से अधिक लड़कियां ऐसे जिहादियों के जाल में फंस चुकी हैं। वहीं पिछले डेढ़ वर्षों में 98 युवतियों को ऐसे जिहादियों से बचाया गया है। वर्तमान में 15 लड़कियां अभी भी लापता हैं।
इस पूरे विषय को लेकर पीड़ितों का कहना है कि इस्लामिक जिहादी उन्हें पहले रॉंग नंबर से कॉल करते हैं, फिर धीरे-धीरे दोस्ती बढाते हैं। इसके बाद नौकरी का झांसा या प्रेम में शादी का झांसा देते हैं, फिर छत्तीसगढ़ से बाहर ले जाकर जम्मू-कश्मीर जैसे स्थानों में बंदी बना लेते हैं।
आरोपी जिहादियों द्वारा महीनों तक कमरे में बंद कर पीड़ितों के साथ जबरन यौन शोषण किया जाता है, मारपीट, गाली-गलौच किया जाता है, वहीं आपत्तिजनक वीडियो बनाकर ब्लैकमेल किया जाता है।
स्थानीय क्षेत्र में जनजातीय हितों के लिए कार्य कर रहे युवा सामाजिक कार्यकर्ता यतीन्द्र सलाम का कहना है कि पिछले 4-5 वर्षों से कोंडागांव क्षेत्र में इस्लामिक जिहादियों और बांग्लादेशियों की गतिविधियां बढ़ी है, जो बस्तर की बेटियों को निशाना बना रहे हैं। बस्तर में एक बड़ा षड्यंत्र चल रहा है, जो बाहर से चलाया जा रहा है।
बस्तर के भीतर चल रहे इस षड्यंत्र को उजागर करना आवश्यक है, यह भी हो सकता है कि इसके तार विदेशों से जुड़े हो। यह बिल्कुल ब्रिटेन में चल रहे ग्रूमिंग गैंग की तरह है, जो बस्तर में संचालित हो रहा है।