छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में शनिवार को सुरक्षा बलों ने नक्सलवाद के खिलाफ एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। सुकमा के केरलापाल क्षेत्र में चल रही मुठभेड़ में 17 नक्सलियों को मार गिराया गया।
यह कार्रवाई जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की संयुक्त टीम ने की, जिसने नक्सलियों के खूनी मंसूबों को नाकाम कर दिया।
बस्तर के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) सुंदरराज पी ने बताया कि इस ऑपरेशन में 17 नक्सली मारे गए, जबकि दो जवान मामूली रूप से घायल हुए हैं। घायल जवानों को तुरंत इलाज के लिए भेजा गया, और उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
यह मुठभेड़ शुक्रवार को शुरू हुई थी, जब खुफिया जानकारी के आधार पर सुरक्षा बलों ने केरलापाल क्षेत्र में नक्सलियों की मौजूदगी का पता लगाया।
इसके बाद 28 मार्च को शुरू हुई इस संयुक्त कार्रवाई में शनिवार सुबह से गोलीबारी शुरू हो गई, जो रुक-रुक कर जारी रही।
मारे गए नक्सलियों में एक कुख्यात नक्सली कमांडर जगदीश उर्फ बुधरा भी शामिल है। जगदीश दक्षिण क्षेत्रीय समिति (SZC) का सदस्य था और दरभा डिवीजन का इंचार्ज था।
40 वर्षीय जगदीश, पिता पांडु कुहडामी, सुकमा जिले के ग्राम पिट्टेडब्बा (थाना कूकानार) और ग्राम पाउरगुडेम (थाना पामेड़) का निवासी था। उस पर 25 लाख रुपये का इनाम था।
वह झीरम हत्या कांड और 2023 में सुकमा के अरणपुर में डीआरजी जवानों की शहादत वाली घटना में शामिल था। इस खूंखार नक्सली का खात्मा नक्सलवाद के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
सुरक्षा बल अभी भी मुठभेड़ स्थल और आसपास के जंगली इलाकों में गहन तलाशी अभियान चला रहे हैं।
सुकमा जिला बस्तर क्षेत्र का एक ऐसा इलाका है, जो नक्सली हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित रहा है।
इन नक्सलियों ने अतीत में कई निर्दोष लोगों की जान ली और विकास को बाधित करने की कोशिश की है।
इससे पहले शुक्रवार को नारायणपुर जिले में नक्सलियों द्वारा लगाए गए एक आईईडी विस्फोट में एक जवान घायल हो गया था।
बस्तर आईजी ने बताया कि घायल जवान को जिला अस्पताल में प्राथमिक उपचार दिया गया और उनकी हालत अब स्थिर है। यह घटना नक्सलियों की कायरतापूर्ण हरकतों का एक और उदाहरण है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस सफलता की सराहना करते हुए इसे नक्सलवाद के खिलाफ एक और निर्णायक प्रहार बताया।
“उन्होंने एक्स पर लिखा, "हमारी सुरक्षा एजेंसियों ने सुकमा में 16 नक्सलियों को मार गिराया और बड़ी मात्रा में स्वचालित हथियार बरामद किए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हम 31 मार्च 2026 से पहले नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"”
शाह ने नक्सलियों से हथियार छोड़ने की अपील करते हुए कहा, "हथियार और हिंसा से बदलाव नहीं आ सकता, शांति और विकास ही एकमात्र रास्ता है।"
छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने भी इस मुठभेड़ के बाद सरकार के संकल्प को दोहराया।
उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री शाह के नेतृत्व में हमारा लक्ष्य 2026 तक सशस्त्र नक्सलवाद को खत्म करना है। हमारे सुरक्षा बल जिस बहादुरी से काम कर रहे हैं, उससे तय समय में हम नक्सलवाद को खत्म कर देंगे।"
गृह मंत्री शाह ने संसद में बताया था कि 2004 से 2014 के बीच नक्सली हिंसा की 16,463 घटनाएं हुई थीं, लेकिन पिछले दस वर्षों में इसमें 53% की कमी आई है।
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास के लिए 11,503 किलोमीटर हाईवे और 20,000 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का निर्माण किया गया है।
यह मुठभेड़ नक्सलियों के लिए साफ संदेश है कि उनकी हिंसा का अंत नजदीक है।