छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में शनिवार सुबह सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई। इसमें तीन नक्सली मारे गए।
यह मुठभेड़ सुबह करीब 9 बजे इंद्रावती नेशनल पार्क के जंगलों में हुई।
पुलिस ने घटनास्थल से हथियार और विस्फोटक भी बरामद किए हैं। फिलहाल इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है।
बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी. ने बताया कि बीजापुर और दंतेवाड़ा जिलों की डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (DRG), स्पेशल टास्क फोर्स (STF) और सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन (202वीं और 210वीं) की संयुक्त टीम इस अभियान में शामिल थी। DRG राज्य पुलिस की विशेष यूनिट है।
इस साल अब तक राज्य में कुल 138 नक्सली मारे जा चुके हैं।
इनमें से 122 की मौत बस्तर डिवीजन के सात जिलों में हुई है, जिसमें बीजापुर भी शामिल है।
सरकार की सख्ती और सुरक्षा बलों की आक्रामक नीति का असर साफ दिख रहा है।
जिन इलाकों में पहले नक्सलियों का डर था, वहां अब सुरक्षाबलों की पकड़ मजबूत हो रही है।
आम लोग भी अब खुलकर नक्सल आतंक का विरोध कर रहे हैं।
नक्सलवाद ने दशकों से जनजाति क्षेत्रों का विकास रोक रखा था।
विकास कार्यों का विरोध कर, स्कूल जलाकर और आम जनता को डराकर नक्सलियों ने इस क्षेत्र को अंधेरे में धकेला था।
लेकिन अब हालात तेजी से बदल रहे हैं।
राज्य सरकार और केंद्र सरकार की संयुक्त रणनीति से नक्सलियों के गढ़ में सुरक्षाबलों ने बड़ी सेंध लगाई है।
DRG और कोबरा जैसे विशेष बलों ने जंगलों में घुसकर नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब दिया है।
बस्तर के जंगलों में अब नक्सल नहीं, तरक्की की गूंज सुनाई दे रही है। यह मुठभेड़ उसी बदलाव का संकेत है।