छत्तीसगढ़ में हाल के महीनों में ईसाई कन्वर्ज़न के मामलों में अप्रत्याशित तेजी आई है।
खासतौर पर प्रार्थना सभाओं और तथाकथित 'हीलिंग मीटिंग्स' के माध्यम से भोले-भाले हिंदू और जनजाति समुदायों को निशाना बनाया जा रहा है।
ताजा घटनाएं चांपा, बिलासपुर और जशपुर में सामने आई हैं, जहां इन कार्यक्रमों की आड़ में हो रहे कन्वर्ज़न के प्रयासों ने स्थानीय लोगों और हिंदू संगठनों में गुस्से की लहर पैदा कर दी है।
चांपा में कन्वर्ज़न की साजिश का भंडाफोड़
12 अप्रैल को जनकपुर-चांपा जिले के चांपा कस्बे में एक तीन मंज़िला इमारत में 'हीलिंग प्रेयर मीटिंग' के नाम पर बड़ी संख्या में लोगों को एकत्र किया गया था।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि शुरुआत में यह एक शांत सभा लग रही थी, लेकिन जैसे-जैसे भीड़ बढ़ी, लोगों को शक हुआ कि यह सिर्फ प्रार्थना सभा नहीं बल्कि कन्वर्ज़न की कोशिश है।
बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को जब इसकी जानकारी मिली तो वे मौके पर पहुंचे और पूछताछ की।
वहां से ईसाई धार्मिक साहित्य, पोस्टर और कन्वर्ज़न से जुड़े सामग्री बरामद हुई।
पुलिस को बुलाया गया और जांच के बाद चार लोगों को गिरफ्तार किया गया - जैक्सन और अंशुया (चांपा निवासी), हेतल (मध्य प्रदेश से) और योगेश कुमार (रायपुर से)।
पुलिस ने इनके खिलाफ छत्तीसगढ़ धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम (धारा 3) और भारतीय न्याय संहिता (धारा 299) के तहत मामला दर्ज किया।
गिरफ्तार किए गए लोग कथित रूप से चमत्कारी उपचार और प्रार्थनाओं के बहाने कन्वर्ज़न को बढ़ावा दे रहे थे।
घटना के दिन हनुमान जयंती होने के कारण मामला और भी संवेदनशील हो गया।
बिलासपुर में भी ‘प्रार्थना’ की आड़ में कन्वर्ज़न
बिलासपुर के राजेंद्र नगर स्थित प्रीति भवन में 6 अप्रैल को आयोजित एक प्रार्थना सभा भी विवादों में घिर गई।
आरोप है कि हर सप्ताह गुरुवार और रविवार को होने वाली इस सभा के जरिए हिंदुओं को ईसाई धर्म में परिवर्तित करने का प्रयास किया जा रहा था।
विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं की शिकायत पर पुलिस ने हस्तक्षेप किया और कुछ लोगों को हिरासत में लिया।
एक महिला की लिखित शिकायत के आधार पर तीन लोगों - जी. जॉय डेनियल, आशीर्वाद बघेल और सुहास - को गिरफ्तार किया गया।
ये सभी ईसाई समुदाय से हैं और इनके खिलाफ छत्तीसगढ़ के कन्वर्ज़न विरोधी कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है।
स्थानीय हिंदू संगठनों का आरोप है कि यह प्रार्थना सभा केवल बहाना है, असल उद्देश्य मानसिक दबाव और झूठे आश्वासनों से कन्वर्ज़न कराना है।
जशपुर: नर्सिंग छात्रा पर ईसाई बनने का दबाव
जशपुर जिले में होली क्रॉस कॉलेज ऑफ नर्सिंग की एक छात्रा ने एक वरिष्ठ फैकल्टी सदस्य पर ईसाई धर्म अपनाने और नन बनने के लिए दबाव डालने का गंभीर आरोप लगाया है।
छात्रा का आरोप है कि अगर वह कन्वर्ज़न नहीं करती तो उसे कक्षा में प्रवेश नहीं दिया जाता और फेल करने की धमकी दी जाती थी।
इस मामले में कुंकुरी पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है, मुख्य आरोपी सिस्टर विंसी जोसेफ हैं।
फिलहाल पुलिस जांच कर रही है लेकिन अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने कॉलेज के खिलाफ प्रदर्शन कर त्वरित कार्रवाई की मांग की है।
आखिर कब तक कन्वर्ज़न की अनदेखी?
इन तीनों घटनाओं ने स्पष्ट कर दिया है कि छत्तीसगढ़ में कन्वर्ज़न का जाल किस हद तक फैल चुका है।
प्रार्थना सभाओं, चमत्कारी उपचार और शिक्षण संस्थानों को इस कार्य के लिए मोहरा बनाया जा रहा है।
यह सिर्फ धार्मिक स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक अस्मिता पर सीधा प्रहार है।
समय आ गया है कि सरकार और प्रशासन ऐसे मामलों पर सख्ती से कार्रवाई करे, ताकि भविष्य में कोई भी समुदाय इस प्रकार हिंदू समाज की जड़ों को काटने की हिम्मत न कर सके।