केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में नक्सलमुक्त गांवों के लिए 1 करोड़ रुपये की विकास निधि की घोषणा का प्रभाव तेजी से दिखने लगा है।
केवल दो दिन के भीतर, छत्तीसगढ़ के दो अलग-अलग जिलों में कुल 36 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है।
नारायणपुर जिले में जहां 5 महिला नक्सलियों ने हथियार डालकर समाज की मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया, वहीं दंतेवाड़ा जिले में 31 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर सरकार की नक्सल विरोधी नीति को बड़ी सफलता दिलाई है।
नारायणपुर में महिला नक्सलियों का आत्मसमर्पण
नारायणपुर जिले में आत्मसमर्पण करने वाली पांच महिला नक्सली नेलनार कुतुल एरिया में सक्रिय थीं। इन पर एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित था।
पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार ने पुष्टि करते हुए बताया कि इन महिलाओं ने पुलिस के बढ़ते दबाव और अबूझमाड़ क्षेत्र में पुलिस कैंपों की स्थापना के कारण हथियार डालने का निर्णय लिया।
अमित शाह द्वारा घोषित 1 करोड़ रुपये की विकास निधि योजना ने भी इन आत्मसमर्पणों को प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
दंतेवाड़ा में 31 नक्सलियों का आत्मसमर्पण
दंतेवाड़ा जिले में भी सरकार और पुलिस के संयुक्त प्रयासों को बड़ी सफलता मिली है। यहां कुल 31 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जिनमें कई जन मिलिशिया सदस्य शामिल हैं।
ये सभी नक्सली लंबे समय से संगठन के लिए काम कर रहे थे लेकिन अब उन्होंने हिंसा छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले इन नक्सलियों को पुनर्वास योजनाओं का लाभ दिया जाएगा और उन्हें रोजगार तथा अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
अमित शाह की घोषणा और सरकार की रणनीति
गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में दंतेवाड़ा दौरे के दौरान घोषणा की थी कि जो गांव नक्सलमुक्त होंगे, उन्हें सरकार की ओर से 1 करोड़ रुपये की विकास निधि प्रदान की जाएगी।
यह योजना सरकार की "विकास के माध्यम से शांति" रणनीति का हिस्सा है।
अमित शाह ने स्पष्ट किया कि सरकार केवल हिंसा का मुकाबला करने तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि प्रभावित क्षेत्रों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने पर भी जोर देगी।
2025 में रिकॉर्ड आत्मसमर्पण
2025 के पहले चार महीनों में ही छत्तीसगढ़ सहित देशभर में कुल 423 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।
इनमें नारायणपुर और दंतेवाड़ा के ताजा मामले शामिल हैं। यह संख्या पिछले वर्षों की तुलना में काफी अधिक है, जो सरकार और सुरक्षा बलों की संयुक्त रणनीति की सफलता को दर्शाती है।
नक्सलवाद पर दोहरा प्रहार
नारायणपुर और दंतेवाड़ा में हुए ताजा आत्मसमर्पण इस बात का संकेत हैं कि नक्सली संगठन अब कमजोर पड़ रहे हैं।
पुलिस और सीआरपीएफ द्वारा चलाए जा रहे अभियान, खुफिया तंत्र की मजबूती और पुनर्वास योजनाओं ने नक्सलियों को हथियार डालने पर मजबूर कर दिया है।
अमित शाह के आगामी दौरे
गृह मंत्री अमित शाह इस वर्ष कई प्रमुख कार्यक्रमों और बैठकों में भाग ले रहे हैं। उनकी अगली बड़ी उपस्थिति राइजिंग इंडिया समिट 2025 में होगी, जहां वे भारत के विकास और सुरक्षा रणनीतियों पर चर्चा करेंगे।
निष्कर्ष
छत्तीसगढ़ में नारायणपुर और दंतेवाड़ा जिलों से आई ताजा खबरें यह साबित करती हैं कि केंद्र सरकार की नक्सल विरोधी रणनीति सही दिशा में आगे बढ़ रही है।
अमित शाह द्वारा घोषित 1 करोड़ रुपये की योजना ने प्रभावित क्षेत्रों को प्रेरित किया है, जिससे आत्मसमर्पणों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
यदि यही प्रगति जारी रही, तो देश से वामपंथी उग्रवाद को समाप्त करने का लक्ष्य जल्द ही हासिल किया जा सकता है।