हम सदा से थे, सदा रहेंगेसिकन्दर के नेतृत्व में यवन आए जिन्हें भारतीय गणतन्त्रों ने पीट-पीटकर भगाया। फिर सेल्युकस के नेतृत्व में यवन आये जिन्हें महान चंद्रगुप्त ने इतनी बुरी हार दी कि वह सभी शर्तों को मानकर दुम दबाकर भागा। बाद के यवनों को पुष्यमित्र शुंग और उसके बेटों ने ..
गर्वित हिन्दू होना आवश्यक हैशान से तिलक लगाइए, बुलंद आवाज में राम-राम कहना सीखिए, धार्मिक कर्मकांडों में मन और धन से भागीदारी कीजिये। अपने पक्ष के बुद्धिजीवियों को नैरेटिव बनाने वाले योद्धा और पंडालों, यात्राओं में भाग लेने वाले लड़कों को अपना फुट-सोल्जर मानकर सम्मान दीजिये, ..
भगवान श्री राम का अयोध्या पुनरागमनमर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम भी प्रेम के वशीभूत हो सामान्य मर्यादा का ध्यान न रख सके। अपने गुरुजनों, माताओं को यूहीं खड़ा छोड़ वे भरत की ओर बढ़ चले। भरत ने जब श्रीराम को अपनी ओर आता देखा तो उनकी तन्द्रा टूटी और वे जैसे गौधूलि बेला में कोई बछड़ा अपनी ..
भारत-चीन युद्ध: नेहरू एवं उनके कम्युनिस्ट दोस्त की सबसे बड़ी विफलतानेहरू अपने मित्र मेनन को रक्षा मंत्री के पद से हटाना नहीं चाहते थे। जबकि कम्युनिस्टों को छोड़कर सारा विपक्ष, खुद कांग्रेस का बड़ा हिस्सा और सेनाध्यक्ष मेनन के विरोध में था। नेहरू के पास विदेश मंत्रालय भी था। जाहिर है कि विदेश मंत्री के तौर पर नेहरू ..
पढ़िए और पढ़ाइए, ताकि कोई केरला स्टोरी जैसी कहानी न दुहराई जा सकेतब याहू चैट का जमाना था और लोग दूसरे देशों के रूम में जाकर अनजान लोगों से बात करते थे। जाहिर सी बात है कि लड़के लड़कियों से, और लड़कियां लड़कों से। किसी भी अनजान से पहला चैट होता था Hi, फिर एंटर मार कर ASL (ऐज, सेक्स और लोकेशन). कोई पाकिस्तानी या बांग्लादेशी ..
हरिद्वार - गंगा जी के तट पर देवभूमिशाम को हर की पौड़ी जाइये। भीड़ है पर बनारस जैसा रश नहीं। हालांकि अब बनारस में भी काफी प्रगति है, पर हरिद्वार तो हरिद्वार है। मैं यहां पिछली बार 7 साल पहले आया था। तब इतनी भीड़ नहीं थी। लोग अचानक ही तो धार्मिक हुए नहीं होंगे। मेरे अनुमान से इसका कारण ..
महावीर बजरंगी और महाबली भीम का मिलनसिंह के गर्जन जैसी वाणी सुन वृक्षों के पक्षी भय से उड़ गए, पर वानर टस से मस नहीं हुआ। लगा कि उसने कुछ सुना ही नहीं। अबकी और अधिक तीव्रता से जब अपनी बातें दुहराई, तब उस वानर के अपने नेत्र खोले। उसके नेत्र मधु के जैसे पीले थे। छोटे ओठ, ताँबे के रंग ..
जब दुर्योधन ने दिया श्रीकृष्ण को बंधक बनाने का आदेश !जब कृष्ण अपना विकट विराट रूप दिखाकर वापस लौट गए, और कुरुसभा ने अपने मस्तिष्क पर छाई धुन्ध को साफ किया, तो सब दुर्योधन को कोसने लगे जिसमें शकुनि और कर्ण भी सम्मिलित थे। कहाँ तो कौरवों और पांडवों के युद्ध की बात थी, जो अभी तक तो घरेलू बात ही थी। जो ..
हिंदुओ! यह समय है सभी को खुद में समाहित करने का, 'कृण्वन्तो विश्वमार्यम' को सार्थक करने काकभी महावीर तो कभी गौतम तो कभी नानक। यह हमारे ही थे, आज भी हमारे ही हैं, पर उनके समुदायों से भी, और हममें से भी अनेकों ऐसे हैं जो हमारे एकात्म को नकार देते हैं। हम अपनों को ही स्वयं से दूर करने में इतने प्रवीण हो चुके हैं कि सबको अपने में समाहित ..
श्री राम भक्त विभीषण की धर्मपरायणतानारद के चेहरे पर मुस्कान आ गई। कुछ देर विभीषण को स्नेह से देखने के पश्चात नारद ने अपनी वीणा संभाली और उठने का उपक्रम करते हुए बोले, "अच्छा, तो मुझे अब अनुमति दें लंकेश।"..
अक्टूबर 1962 : कम्युनिस्ट चीन का भारत पर हमला और नेहरू की विफलताहार के बाद अंततः रक्षा मंत्री (और नेहरू के परम मित्र) वी॰ के॰ कृष्ण मेनन को उनके पद से हटा दिया गया। पश्चिमी देशों से हथियारों की मदद मांगी गई। अमेरिकी राजदूत से थके और पूरी तरह टूट चुके नेहरू ने कहा कि हमें किसी भी कीमत पर हथियार चाहिए। अमेरिका ..
बलिदान दिवस: छत्रपति संभाजी महाराज और उनके परम प्रिय छांदोगामात्य की वीर गाथाआगरा में जयसिंह के बेटे दो हजारी मनसबदार राजा रामसिंह ने शिवाजी और सम्भाजी का स्वागत किया और उपयुक्त समय पर उन दोनों को दरबार ले आए। दरबारी प्रथा के अनुसार दोनों ने झुककर बादशाह को मुजरा किया और रामसिंह की बताई जगह पर खड़े हो गए। घमंडी और कुटिल ..
भारत-पाक युद्ध 1971: किस्सा उस दिसंबर का, जब भारत शक्तिशाली होकर भी भावनात्मक गलती कर गयायह जीत कई मायनों में महत्वपूर्ण रही। देश को पहली बार आत्माभिमान की अनुभूति हुई। एक भौगोलिक तथा जनसांख्यिक रूप में भारत एकजुट हुआ, बल्कि राजनैतिक रूप से भी। विपक्ष ने पूरा समर्थन दिया। घोर विरोधी आरएसएस ने भी इंदिरा को सपोर्ट किया। वामपंथ तो खैर ..
'द केरला स्टोरी' से क्या संदेश मिलता है ?बड़ी बात, सोचने वाली बात है कि कैसे किसी एक व्यक्ति की अपने धर्म के प्रति सोच इतनी कमजोर हुई कि वह दूसरों की बातों में आती चली गई। और क्या वजह है कि एक व्यक्ति की अपने मजहब के प्रति सोच इतनी दृढ़ है कि वह दूसरों को भी अपनी सोच में ढाल लेता है।..
बुद्ध और धर्मयह भी बड़े आश्चर्य की बात है कि जितने भी हिन्दू धर्म के अतिरिक्त धर्म हुए हैं वे सभी कई शाखाओं में बंटे और स्वयं को एकमात्र सच्चा अनुयायी बताया। चाहे वो जनसंख्या के हिसाब से नंबर एक क्रिश्चियानिटी हो या नंबर दो इस्लाम। जनसंख्या के हिसाब से चौथे ..
इस्लामिक आक्रमणकारियों के अपराधों को स्वीकारने में मुस्लिम समाज को क्या आपत्ति है ?शिव मंदिरों में नन्दी हमेशा अपने सम्मुख स्थित शिवलिंग को निहारते हैं। पर काशी विश्वनाथ मंदिर के नन्दी आज भी ज्ञानवापी मस्जिद की ओर देख रहे हैं, और शिवलिंग उनके पीछे रखा है। पूरे देश से आए श्रद्धालु जब यह देखते हैं, जब उन्हें पता चलता है कि जिस शिवलिंग ..
श्रीराम भक्त हनुमानराम दिन भर दरबार में, शासन व्यवस्था में व्यस्त रहे। सन्धा जब शासकीय कार्यों से छूट मिली तो गुरु और माताओं का कुशलक्षेम पूछ अपने कक्ष में आए। हनुमान उनके पीछे-पीछे ही थे। राम के निजी कक्ष में उनके सारे अनुज अपनी-अपनी पत्नियों के साथ उपस्थित थे। वनवास, ..
इतिहास सीखने के लिए है, लेकिन इतिहास गवाह है कि कोई कुछ सीखता नहीं हैइतनी समृद्धि का कारण आपके पूर्वजों का अथक परिश्रम रहा होगा, बुद्धि चातुर्य रहा होगा, तभी न हाथी डोलता था, और घी की रोटी खाते थे। फिर उन पूर्वजों के वंशजों ने, अगली पीढ़ियों ने परिश्रम करना छोड़ दिया, बुद्धि बेच खाई, तभी न अब हाथी नहीं डोलता और पानी ..
कहानी उस दिसंबर की, जब भारत शक्तिशाली होकर भी भावनात्मक गलती कर गयाकहानी उस दिसंबर की, जब भारत शक्तिशाली होकर भी भावनात्मक गलती कर गया..
महाभारत का युद्ध और उसके परिणाम को भोगते अश्वत्थामा का नारद से संवादमहाभारत का युद्ध और उसके परिणाम को भोगते अश्वत्थामा का नारद से संवाद..