5 मई: कार्ल मार्क्स का जन्मदिन, जिसके विचार ने पूरे विश्व में 10 करोड़ से अधिक लोगों की जान ले लीआज 5 मई को वैश्विक इतिहास के सबसे बुरे और क्रूरतम विचार को रखने वाले इंसानों में से एक कार्ल मार्क्स का जन्मदिन है। कार्ल मार्क्स के विचार की वजह से बीते एक सदी में विश्व में 10 करोड़ से अधिक लोगों की हत्या की गई। इन हत्याओं से कार्ल मार्क्स के ..
अर्बन नक्सल : क्या है और कैसे कार्य करता है ?माओवादियों के शहरी मायाजाल की असली रूपरेखा 2004 में तैयार की गई थी। भारत में नक्सल हिंसा की शुरुआत के बाद 80 के दशक से ही बौद्धिक क्षेत्र में नक्सलवाद ने पैर पसारने शुरू कर दिए थे। शिक्षण संस्थानों से लेकर सामाजिक और प्रभावशाली संस्थाओं पर कब्जा ..
नारायणपुर : पुलिसिया कार्रवाई के विरुद्ध आक्रोशित जनजाति ग्रामीणों के धरने से डरा प्रशासन, निर्दोषों पर कार्रवाई नहीं करने का दिया आश्वासनबस्तर के नारायणपुर जिले में धर्मान्तरित ईसाइयों के द्वारा स्थानीय जनजातीय ग्रामीणों के साथ की गई हिंसा से पूरे छत्तीसगढ़ में जनजाति समाज के भीतर आक्रोश है।..
सोमालिया में आधुनिक शिक्षा का विरोध करते हुए इस्लामिक आतंकियों ने किया बड़ा हमला, 120 की मौत; 300 से अधिक घायलसोमालिया में आधुनिक शिक्षा का विरोध करते हुए इस्लामिक आतंकियों ने किया बड़ा हमला, 120 की मौत; 300 से अधिक घायल..
ईसाई पादरियों के 'यौन चंगुल' में दुनिया भर की ननेंईसाई धर्म के सबसे बड़े धर्म गुरु पोप फ्रांसिस ने वर्ष 2019 में मध्य-पूर्व के अपने ऐतिहासिक दौरे के दौरान पत्रकारों से वार्ता में इस बात को स्वीकार किया था कि चर्चों के भीतर पादरियों द्वारा ननों का यौन शोषण किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा था कि ..
चीन - एक सप्ताह में कोरोना से 13 हजार लोगों की मौत, अब तक 110 करोड़ लोग हो चुके संक्रमितकोरोना महामारी के कारण चीन में तबाही मची हुई है। चीनी नववर्ष के अवसर पर एक तरफ जहां लोग महामारी की चपेट में आकर मर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर 3 वर्षों के सख्त प्रतिबंधों से आजाद हुए लोग बाहर सड़कों में उतरकर जश्न मना रहे हैं।..
ईसाई आतंक के विरुद्ध बस्तर के बाद अब सरगुजा के जनजातियों में भी आक्रोश, कलेक्टर को सौंपा ज्ञापनबस्तर के नारायणपुर में ईसाइयों के द्वारा जनजातीय समाज पर किए गए जानलेवा हमले का आक्रोश अब छत्तीसगढ़ के उत्तरी हिस्से में भी फैल गया है। जनजाति बाहुल्य जिला सरगुजा में इस घटना को लेकर वनवासी समाज के भीतर अत्यंत आक्रोश देखा जा रहा है।..