बिहार में कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) का शीर्ष नेता गिरफ्तार , वहीं मध्य प्रदेश में भी इनामी माओवादी हुआ ढ़ेर

21 Dec 2022 13:55:44
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सुरक्षाबलों ने बिहार से हाल ही में सीपीआई (माओवादी) के शीर्ष नेता को उसके एक सहयोगी के साथ गिरफ्तार कर लिया है, उक्त नक्सली पर झारखण्ड की राज्य सरकार द्वारा 10 लाख का इनाम घोषित किया गया था I बिहार पुलिस ने इस सन्दर्भ में कहा कि “शनिवार को गया जिले से 10 लाख रुपये के इनामी माओवादी जोनल कमांडर और उसके सहयोगी को गिरफ्तार किया गया है।”
 
गिरफ्तार नक्सलियों की पहचान अभिजीत उर्फ बनवारी,जो कि सेंट्रल जोन का कमांडर है, और कुंदन बताई जा रही है । पुलिस अधिकारी ने कहा कि पुलिस ने गिरफ्तार माओवादियों के कब्जे से एक एके-56 राइफल, 97 कारतूस और अन्य सामान भी बरामद किया हैI
 
इसी क्रम में पत्रकारों से बात करते हुए, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, गया, हरप्रीत कौर ने कहा कि , "एक गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए, पुलिस ने अभिजीत समेत दोनों माओवादियों को गया के ननदई थाना क्षेत्र से शनिवार को गिरफ्तार किया, झारखंड सरकार ने अभिजीत की गिरफ्तारी के लिए 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था, जबकि बिहार सरकार ने 50 हजार रुपये की घोषणा की थी।”
 
अधिकारी ने आगे इसी सन्दर्भ में कहा कि “दोनों माओवादियों के विरुद्ध कुल 61 से अधिक प्रकरण दर्ज है जिसको लेकर झारखण्ड और बिहार पुलिस को लंबे समय से उनकी तलाश थी, जानकारी है कि यह दोनों माओवादी वर्ष 2016 के औरंगाबाद, इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) विस्फोट में भी सम्मिलित थे, जिसमें सात सुरक्षाकर्मी मारे गए थे।” बता दें कि गिरफ्तार दोनों माओवादी झारखंड के पलामू के रहने वाले हैंI
 
वहीं इसी के साथ मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले से भी गत दिनों जंगलों में हुई मुठभेड़ के दौरान 12 लाख रुपये के इनामी और तीन राज्यों में वांछित एक माओवादी मारा गया है । मारे गए माओवादी की पहचान रूपेश कान्हा के रूप में हुई है , जो भोरमदेव दलम का सक्रिय सदस्य था ।
 
बालाघाट के पुलिस अधीक्षक विजय डाबर ने बताया कि “मुठभेड़ शनिवार देर रात जिले के हरराटोला गांव के वन क्षेत्र में हुई जब सशस्त्र माओवादी कैडर की गतिविधियों के बारे में सूचना मिलने के बाद हॉक फोर्स और जिला पुलिस की एक संयुक्त टीम क्षेत्र द्वारा क्षेत्र में खोजी अभियान चलाया जा रहा था, जानकारी है कि इसी दौरान माओवादियों द्वारा पुलिस टीम पर गोलियां चलायी गयीं जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। फायरिंग रुकने के बाद तलाशी के दौरान एक सुरक्षाबलों की टीम को एक नक्सली का शव मिला, जिसकी पहचान रूपेश कान्हा के रूप में हुई है, रूपेश मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में कई प्रकरणों में वांछित था।”
 
इसी संदर्भ में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यह भी कहा कि “मंडला जिले और उससे सटे बालाघाट जिले जो छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के साथ सीमा साझा करता है में माओवादियों की आवाजाही में वृद्धि हुई है हालांकिबावजूद इसके सुरक्षा बल इन क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने एवं माओवादीयों की योजनाओं को विफल करने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं।
 
बता दें कि सुरक्षाबलों द्वारा माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में निरंतर खोजी अभियान चलाया जा रहा है इस क्रम में अभी कुछ दिनों पूर्व ही छत्तीसगढ़ में भी पुलिस ने चार वांछित माओवादियों के विरुद्ध पोस्टर अभियान तेज किया था । जानकारी के अनुसार पुलिस को छत्तीसगढ़ के संघर्षग्रस्त क्षेत्रों के साथ सीमा साझा करने वाले मुलुगु जिले के विभिन्न हिस्सों में, गैरकानूनी संगठन भाकपा की एक्शन टीम के सदस्यों की उपस्थिति की सूचना प्राप्त हुई थी, जिसको लेकर तेलंगाना-छत्तीसगढ़ सीमा क्षेत्र में पुलिस ने माओवादी एक्शन टीम के सदस्यों के बारे में जानकारी देने के लिए पुरस्कार राशि की घोषणा करते हुए एक पोस्टर अभियान शुरू किया गया थाI
 
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