जनजातीय समाज की आस्था का केंद्र - अवतारी माँ देवमोगरा

20 Oct 2023 09:57:06

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गुजरात
के नर्मदा जिले में सागबारा के पास देवी का एक प्रसिद्ध स्थान है, देवमोगरा। देवमोगरा, जो यहां मोगी नाम से इस सतपुड़ा पर्वत क्षेत्र में परिचित है। 

वैसे तो देवमोगरा माता महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश इन प्रदेशों में निवास करने वाले भील समाज की कुल देवी मानी जाती हैं, लेकिन अन्य समाज के भी हजारों भक्त देवी के दर्शन के लिए देवमोगरा आते हैं।

ऐसा कहा जाता है कि इसका निर्माण सात पीढ़ी पहले हुआ था। तब से यह स्थान लाखों जनजातियों के लिए श्रद्धा का एक प्रमुख स्थान रहा है।


स्थानीय जनजातीय समाज में यह आस्था है कि यदि जीवन में सुख और शांति प्राप्त करनी है, तो देवमोगरा माता के दर्शन करना चाहिए, दर्शन करने के बाद माता अपनी सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। इसी कारण लाखों लोग देवमोगरा के दर्शन के लिए नित्य रूप से यहां आते हैं।

यह स्थान तो पुरातन है, लेकिन पहले यह मंदिर अत्यंत छोटा था। वर्तमान में इसका रूपांतर एक भव्य और सुंदर मंदिर में हुआ है। आने वाले भक्तों के लिए विभिन्न प्रकार की सुविधाएं भी यहां उपलब्ध हुई हैं।


पहले तो श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पैदल चले आते थे, लेकिन आज आने के विभिन्न साधन उपलब्ध होने के कारण भक्तों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। माता के सामने विभिन्न कामनाएं करने के साथ-साथ मनोवांछित कामना पूर्ण होने पर भी हजारों श्रद्धालु यहां आते हैं।


अपने परिवार की खुशहाली और किसी समस्या का सामना न करना पड़े इसके लिए सपरिवार माता के दर्शन के लिए लोग यहां आते रहते हैं। खेत में जो धान उगता है वह धान सबसे पहले देवी के सामने रखने के लिए नाचते - गाते, बाजा बजाते स्थानीय जनजातीय यहां आते हैं। देवमोगरा माता की कृपा से ही यह धान हमें प्राप्त हुआ है, ऐसा इन श्रद्धालुओं का विश्वास है।


महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर फरवरी से अप्रैल के बीच यहां भव्य यात्रा होती है। जिसमें 5 से 7 लाख तक श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए उपस्थित होते हैं। प्रचंड उत्साह का वातावरण इस पूरे यात्रा के समय निर्माण होता है।


यात्रा के लिए युवाओं की संख्या भी अद्भुत होती है। मंदिर में प्रवेश करने के बाद देवमोगरा माता की सुंदर एवं आकर्षक मूर्ति देखने के बाद व्यक्ति भावविभोर होता है, ऐसा श्रद्धालुओं का अनुभव है।


देवमोगरा अपनी प्राचीन और सनातन परंपराओं का एक प्रमुख श्रद्धा स्थान है। जनजाति समाज के इस प्राचीन शक्तिपीठ के दर्शन कर हम जीवन की सार्थकता प्राप्त कर सकते हैं।

देवमोगरा माता के चरणों में कोटि-कोटि वंदन!

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