छत्तीसगढ़ में माओवादियों के विरुद्ध सुरक्षाबलों की आक्रामक कार्रवाई लगातार जारी है। अब फोर्स ने बस्तर क्षेत्र के बाहर छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में भी बड़ी सफलता हासिल की है, जिसमें उन्होंने 15 माओवादियों को मार गिराया है।
फोर्स की सफलता का अनुमान इससे भी लगाया जा सकता है कि मारे गए माओवादियों में एक करोड़ रुपये का इनामी माओवादी जयराम उर्फ चलपति भी मारा गया है। फोर्स ने मुठभेड़ स्थल से 14 माओवादियों के शव भी बरामद किए हैं, जिनमें महिला एवं पुरुष, दोनों माओवादी शामिल हैं।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़-ओडिशा बॉर्डर पर हुई यह मुठभेड़ रविवार रात से चल रही थी, जिसमें मंगलवार सुबह सुरक्षाबलों के सफलता की जानकारी सामने आई है। गरियाबंद जिले के कुल्हाड़ी घाट स्थित भालू डिग्गी के जंगल हुए इस मुठभेड़ के दौरान रविवार रात से ही दोनों ओर से रुक-रुककर गोलीबारी चल रही थी। इस क्षेत्र में लगभग 60 माओवादी मौजूद थे, जिन्हें 1000 से अधिक जवानों ने घेर रखा था।
इस मुठभेड़ को लेकर छत्तीसगढ़ पुलिस का कहना है कि फोर्स ने जिन माओवादियों को मार गिराया है उसमें माओवादी आतंकी संगठन के सेंट्रल कमेटी मेंबर और स्पेशल जोनल कमेटी के कई शीर्ष आतंकी शामिल हैं।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ और ओडिशा की सीमा में हुए इस ऑपरेशन को दोनों राज्यों की ओर से संयुक्त अभियान के तहत चलाया गया था, जिसमें 10 टीम ऑपरेशन के लिए निकली थी। यह ऐसा क्षेत्र है जिसे माओवादी 'सेफ पैसेज' के लिए उपयोग करते हैं।
ओडिशा में किसी घटना को अंजाम देने के बाद छत्तीसगढ़ की ओर भागना हो, या छत्तीसगढ़ में किसी घटना को अंजाम देने के बाद ओडिशा भागना हो, माओवादी इसी 'सेफ पैसेज' का रास्ता चुनते हैं।
दरअसल जिस स्थान पर यह मुठभेड़ हुई है, वह छत्तीसगढ़ के ओडिशा बॉर्डर से लगा हुआ क्षेत्र है, जिसके सीधे मार्ग पर पूर्व की ओर कांकेर, नारायणपुर होते हुए गढ़चिरौली का क्षेत्र आता है, ऐसे में माओवादियों के लिए एक राज्य से दूसरे राज्य की ओर जाने के लिए यह एक आसान मार्ग बन जाता है।
ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार भी माओवादी इसी 'सेफ पैसेज' का उपयोग कर सीमा पार कर रहे थे, जिस दौरान दोनों राज्यों की फोर्स ने अपने इनपुट्स के आधार पर यह कार्रवाई की।
ओडिशा राज्य पुलिस मुख्यालय से जारी प्रेस नोट में कहा गया कि छत्तीसगढ़ के साथ संयुक्त ऑपरेशन में 14 माओवादी मार गिराए हैं। प्रेस नोट के अनुसार 19 जनवरी की रात में कुलारीघाट वन्य क्षेत्र में माओवादियों की उपस्थिति की सूचना पर अभियान शुरू किया गया। इसमें छत्तीसगढ़ की 2 और ओडिशा की 3 टीम के साथ-साथ सीआरपीएफ की 5 टीम ऑपरेशन के लिए निकली थी।
पुलिस ने बताया कि 20 जनवरी को पहले 2 महिला माओवादी मारे गए, जिसके बाद घटनास्थल से बड़ी संख्या में गोला-बारूद बरामद किया गया, जिसमें एक एसएलआर भी था। इसके बाद 20 जनवरी की देर रात और 21 जनवरी की सुबह फोर्स ने 12 और माओवादियों को ढेर किया। वहीं मारे गए माओवादियों के पास से बड़ी संख्या में हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार अभी भी क्षेत्र में सर्च अभियान चल रहा है। वहीं गरियाबंद पुलिस अधीक्षक, नुआपाड़ा के पुलिस अधीक्षक, ओडिशा के डीआईजी नक्सल ऑपरेशन एवं कोबरा कमांडेंट इस पूरे ऑपरेशन की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। पुलिस के शीर्ष अधिकारी भी मैनपुर क्षेत्र में पहुंच गए हैं, जिसके बाद क्षेत्र के भाटीगढ़ क्षेत्र को छावनी में बदल दिया गया है।
गौरतलब है कि फोर्स ने 4 दिन पहले ही बीजापुर में 18 माओवादियों को ढेर किया था। 16 जनवरी 2025 को हुए इस मुठभेड़ में सेंट्रल कमेटी मेंबर दामोदर मारा गया था, जिसपर 50 लाख रुपये का इनाम घोषित था। वर्ष 2025 में के पहले 21 दिनों में ही फोर्स ने 36 माओवादियों को ढेर कर दिया है।